माइक्रो ब्लॉगिंग और इवेंट ब्लॉगिंग में क्या अंतर है? difference between micro blogging and event blogging

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Difference between Micro blogging and Event blogging – इस लेख में हम आपको दो बहुत ही ज्यादा व्यापक विषय (Broad topic) जिन पर व्यापक चर्चा करने की आवश्यकता है, अगर कोई ब्लॉगिंग के क्षेत्र में नया नया आया है, और वह ब्लॉकिंग सीखना चाहता है.

यह दो topic हैं Micro blogging और Event blogging. वैसे तो यह दोनों टॉपिक एक ही श्रेणी से ताल्लुक रखते हैं जिसका नाम है Blogging. लेकिन दोनों अपने अपने स्थान पर बहुत अलग है. दोनों में कुछ एक जगहों पर समानताएं हैं. लेकिन फिर भी इन दोनों को ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सही से चलाने के लिए time, content, quality, quantity, इत्यादि जैसे बहुत से पहलू है, जिन पर विस्तार से अमल करना पड़ता है.

अगर हम दोनों टॉपिक की बात करें तो माइक्रोब्लॉगिंग और इवेंट ब्लॉगिंग दोनों एक दूसरे के समानांतर चले ऐसा नहीं है या कुछ हद तक यह एक दूसरे के बिल्कुल समानांतर भी चलते हैं. फर्क सिर्फ इतना है एक में आप एक लंबे समय तक काम करते हैं, और दूसरे में आप एक निश्चित निर्धारित समय अवधि के लिए भले ही वह कुछ 1 दिन हो या महीना, इत्यादि अंतराल पर काम करते हैं. तो चलिए हम इन दोनों विषयों पर विस्तार से बात करते हैं.

Difference between Micro blogging and Event blogging

अब यहां हम दोनों टॉपिक के बारे में विस्तार से बात करेंगे, कि आपको अगर माइक्रोब्लॉगिंग करनी है तो क्या करना चाहिए, और अगर आपको इवेंट ब्लॉगिंग है तो क्या करना चाहिए. और आपको इन दोनों में क्या क्या सावधानियां, या क्या-क्या ऐसी चीज है जिनका पालन करना चाहिए, अगर आप एक अच्छे ब्लॉगर बनना चाहते हैं.

What is Micro Blogging माइक्रो ब्लॉग्गिंग क्या हैं?

difference between micro blogging and event blogging

जब भी आप कोई blog बनाने के बारे में सोचते हैं या ब्लॉगिंग के क्षेत्र में आने के बारे में सोचते हैं. तो सबसे पहले आपको जो भी blog आपको बनाना है या वेबसाइट आपको बनानी है, उसके लिए आपको एक अच्छा खासा domain name की आवश्यकता होती है. आपके blog का नाम ही कई हद तक आप क्या content डाल रहे हैं, उसे परिभाषित करता है.

आप किस विषय पर लिखेंगे या आप किस श्रेणी में अपने blog पर कंटेंट डालने वाले हैं इसके लिए असंख्य श्रेणियां, और विषय हैं. तो माइक्रोब्लॉगिंग के क्षेत्र में जब आप किसी श्रेणी में जाकर एक विशेष विषय को चुनते हैं, तो उसे माइक्रोब्लॉगिंग कहते हैं.

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मान लीजिए टेक्नोलॉजी एक category है( श्रेणी है) तो अब टेक्नोलॉजी में तो सैकड़ों विषय है. आपको अपने ब्लॉग के लिए एक Micro टॉपिक चुनना है, तो आप क्या चुनेंगे. टेक्नोलॉजी में मान लीजिए अपने स्मार्टफोन चुना. अब स्मार्टफोन में भी बहुत सारी categories है,  बहुत सारे टॉपिक हैं, जैसे स्मार्ट फोन में android, Apple (Mac), windows smartphones, तो मान लिया अपने android चुन लिया. अब एंड्रॉयड में बहुत सारे विषय हैं एंड्राइड में आपने क्या चुना है.

तो आप एंड्रॉयड में उस एक विषय को चुन सकते हैं. लेकिन विषय चुनने से पहले अच्छे प्रकार से रिसर्च करलें की जो विषय आप चुनने जा रहे हैं, उस पर कितना ट्रैफिक आता है साल में. अगर आपने ऐसा विषय चुन लिया जिस पर कोई Searches है ही नहीं तो आपका micro वेबसाइट बनाने का कोई फायदा नहीं.

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मान लीजिए आप ने एंड्रॉयड चुन लिया तो एंड्रॉयड भी एक Micro niche topic है और आप सिर्फ और सिर्फ एंड्रॉयड पर ही अपने आर्टिकल लिख सकते हैं. तो इसे कहते हैं माइक्रोब्लॉगिंग. और एक उदाहरण मैं आपको ओर दूँ तो, मान लीजिए इलेक्ट्रॉनिक्स एक कैटेगरी है, इलेक्ट्रॉनिक्स में बहुत सारे विषय आते हैं, तो इलेक्ट्रॉनिक में होम अप्लायंसेज (Electronic Home appliances) एक विषय है. लेकिन home appliances में भी बहुत सारी चीजें आती है.

तो उसमें से आपने मिक्सर ग्राइंडर (electric mixer grinder) चुन लिया. मिक्सर ग्राइंडर एक micro niche टॉपिक है, और आप उस पर ब्लॉक बनाकर अपनी micro ब्लॉगिंग की शुरुआत कर सकते हैं. इसी प्रकार से जब आप एक कैटेगरी में जितने सारे मौजूदा विषय है, उन विषयों में से कोई एक विशेष टॉपिक चुनते हैं, और उस पर blog बनाते हैं तो वह माइक्रोब्लॉगिंग होती है.

Micro Blogging Pros & Cons

Pros

  1. Google को आपका content समझने में आसानी होती है.
  2. आपके rank करने के chances बहुत बढ़ जाते हैं.
  3. आपके ब्लॉग पर targeted audience आती है.
  4. Micro Blogging Long term blogging हैं यानी इसमें आप एक लंबे समय तक काम कर सकते हैं, और इसे व्यवसाय की तरह भी आगे चालू रख सकते हैं.
  5. Affiliate Marketing के लिए micro blogging बहुत अच्छी है. क्योंकि यहां पर आप किसी एक विशेष टॉपिक पर काम कर रहे होते हैं, तो अगर आप उससे संबंधित किसी प्रोडक्ट का रिव्यू करते हैं, और उसे संबंधित affiliate लिंक लगाते हैं. तो यूजर उस लिंक पर क्लिक करके प्रोडक्ट को खरीदेगा जिससे आपको कमीशन प्राप्त होगा.

Cons

  1. आपको बहुत अच्छा content Produce करने की आवश्यकता होती है. आप जितना ज्यादा गहराई में जाकर लिखते हैं, या रिसर्च करके अपना आर्टिकल लिखते हैं. उतने ही ज्यादा chances होते हैं आपके रैंकिंग में ऊपर आने के.
  2. क्योंकि आपने विशेष विषय चुन रखा होता है, तो ट्रैफिक हमेशा उसी के हिसाब से आता है. Micro ब्लॉगिंग में traffic multi niche blogging से हमेशा ही कम होता है. क्योंकि वहां पर बहुत सारे टॉपिक होते हैं और यहां पर कोई एक विशेष टॉपिक होता है.

What is Event Blogging इवेंट ब्लॉगिंग क्या हैं?

difference between micro blogging and event blogging
Photo by Debashis RC Biswas on Unsplash

अब हम बात कर लेते हैं कि इवेंट ब्लॉगिंग क्या है. जैसा कि इसके नाम से ही प्रभाषित होता है कि यहां ब्लॉगिंग में आपको कोई इवेंट को cover करना पड़ता है. यानी जो ब्लॉगिंग किसी खास इवेंट के दौरान की जाती है उसे event blogging कहते हैं.

मान लीजिए आप होली से संबंधित कोई वेबसाइट बनाने जा रहे हैं, तो आप होली से कुछ महीने पहले होली से संबंधित एक domain लीजिए और उस पर काम करना आरंभ कर दीजिए और आप उसमें Happy Holi wallpaper, Happy Holi images, Happy Holi Quotes, Holi shayri, Holi Poem, Happy Holi photos,  इत्यादि यानी सिर्फ होली से संबंधित ही content पोस्ट कीजिए.

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ऐसा करने पर जब आपकी वेबसाइट थोड़ी बहुत रैंक करने लग जाएगी. तो उस समय जब होली काफी नजदीक होगी, तो एक दो महीना पहले आपको उस ब्लॉग पर बहुत ज्यादा काम करने की आवश्यकता होती है. तो जैसे ही होली से एक या दो तीन दिन पहले या होली वाले दिन लोग search करते  हैं कि happy holi images, wallpaper, quotes, इत्यादि, इत्यादि.

ऐसे बहुत से keywords आपको संबंधित पोस्ट या टैग अपनी वेबसाइट पर रखने होंगे. यानी आप की वेबसाइट पूरी की पूरी इन्हीं चीजों को समर्पित होनी चाहिए. तो ऐसा करने पर होली या होली के आसपास या उस पूरे हफ्ते, महीने आपको traffic आने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.

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क्योंकि आप किसी एक खास इवेंट पर काम कर रहे होते हैं, और जैसे ही वो event खत्म होता है या जैसे ही होली खत्म होती है. तो लोग आपकी वेबसाइट पर भी आना बंद कर देते हैं. यह उदाहरण आप किसी दूसरे तरीके से भी ले सकते हैं जैसे event blogging दिवाली के लिए, स्वतंत्रता दिवस के लिए, गणतंत्र दिवस के लिए, मदर्स डे, फादर्स डे, अर्थ डे, ऐसे बहुत से दिन है, कोई त्यौहार है, इत्यादि जिन पर आप ब्लॉगिंग कर सकते हैं.

इवेंट ब्लॉगिंग के बारे में कुछ तथ्य (Factors)

  1. 2021 में इवेंट ब्लॉगिंग के तहत अपने ब्लॉग या वेबसाइट को Rank करवाना इतना आसान नहीं रह गया है.
  2. Event blogging में बहुत सोच समझकर काम करना पड़ता है, तभी कहीं जाकर ट्रैफिक आता है समय पर.
  3. इवेंट ब्लॉगिंग के लिए आपको अच्छा वाला होस्टिंग प्लान चाहिए होता है, अगर आप की वेबसाइट बहुत ज्यादा ट्रैफिक आ गया किसी इवेंट के दौरान जिसके लिए आप काम कर रहे हैं, और अगर आप की hosting उस traffic को नहीं झेल पाई तो आपकी website/blog डाउन हो सकती है और crash हो सकती है.
  4. इवेंट ब्लॉगिंग मैं आपको पैसे invest करने ही पड़ते हैं, अगर आप फ्री में इवेंट ब्लॉगिंग करना चाहते हैं तो यह बहुत मुश्किल होता है. क्योंकि इवेंट ब्लॉगिंग के लिए आपको बहुत सी चीजों की एक साथ आवश्यकता पड़ती है.

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